मुझसे अब ये ना हो पाएगा
के ख़ुद को यूँ ही
शराब में डूबा कर
तुम्हें याद करूँ
के तुम से कुछ आँसू लूँ
सियाही के लिए
पन्ने ख़ाली ही रहते हैं
तो रहने ही दो
के तुमसे ये हो ना पाएगा
तुम सामने आओ
और मुझे दर्द भी दो
मैंने आँखों से समझौता किया था
जब वो ले गये थे
तेरे सामने मेरी किताब जलाने को
के अब से वही मैं हूँ
वही तुम हो
और किताबें
अब हमारी कुछ नहीं लगती
के ख़ुद को यूँ ही
शराब में डूबा कर
तुम्हें याद करूँ
के तुम से कुछ आँसू लूँ
सियाही के लिए
पन्ने ख़ाली ही रहते हैं
तो रहने ही दो
के तुमसे ये हो ना पाएगा
तुम सामने आओ
और मुझे दर्द भी दो
मैंने आँखों से समझौता किया था
जब वो ले गये थे
तेरे सामने मेरी किताब जलाने को
के अब से वही मैं हूँ
वही तुम हो
और किताबें
अब हमारी कुछ नहीं लगती